अपने आप को खामोश रख आज एक कली फिर फूल बनेगी। अपने आप को खामोश रख आज एक कली फिर फूल बनेगी।
बाबा तेरे बागीचे की एक नन्ही सी कली थी मैं। बाबा तेरे बागीचे की एक नन्ही सी कली थी मैं।
आभास ने फिर पंख पसारे स्वागत किया ! आभास ने फिर पंख पसारे स्वागत किया !
मुरझा गए है फूल हर एक डाली के नई कली अब यहाँ कोई खिलेगी नहीं मुरझा गए है फूल हर एक डाली के नई कली अब यहाँ कोई खिलेगी नहीं
जो मेरा बाप है, क्या, मैं उसका अंश नहीं हूँ, माँ तू सुन रही हे ना..। जो मेरा बाप है, क्या, मैं उसका अंश नहीं हूँ, माँ तू सुन रही हे ना..।
ये ऊगा हुआ दिनकर इसे तो डूब जाना ही है ये ऊगा हुआ दिनकर इसे तो डूब जाना ही है